IUCAA - VYOM Brochure 2024
06 भाग - २ धारावािहक आिखर य अटल ह,ै यह जािहर हआ। पर सभी चाहते थे िक यह एक ु धमय के िनयम के अनसार लड़ा जाए। धमय के िनयम और ुुु आचारसिहता प करने के िलए तथा उनका अिनवाय पालन हो, ं इसके िलए धतरा महाराज ने 'य - आय ' के पद क घोषणा क । ृुु सभी चाहते थे िक इस पद पर ऐसा यि हो, जो न तो सरकार का, न पाडव का प पात करे। सवस मित से धतरा के आ हान पर ृं भगवान िव ण ने शषेनाग को अिभिनय कर इस पद के िलए ुु हि तनापर भजेा। ु पदभार सभालते ही शषेनाग ने कड़े िनयम जािहर िकए और ऐलान ं िकया िक इन िनयम का िबना रयायत सभी को पालन करना होगा। य म िह सा लेने वाले येक यो ा को इसके िलए अपना सिचव ु प रचय-प बनाना होगा। हाथी, घोड़े भी इस िनयम से नह बचगे। रथ का नबर दज करना होगा। ऐसे आदशे का पालन भी तेजी से होने ं लगा। प रचय-प बनाने का काम धम-धड़ाके से चाल हआ। य िक ूू प रचय-प पेश िकए िबना िकसी को य म वेश नह िमल सकता ु था। िपछली बार आपने पढ़ा- पाडव के बीच तनातनी बढ़ती जा ं रही थी। इधर भारत वष म सरकारी य- य मा यम 'राजधानी वािहनी' के अलावा 'नारदवािहनी, इ वािहनी, ं गधववािहनीआिद कई परेदसी य- य मा यमआजटे थे। ंु अततः य क घोषणा हई। शेषनाग जी म य य अिधकारी ंुुु िनय िकए गए। अबआगेः- ु पर शषेनाग क इस िनयम क पत के बारे म िनराशा हई। प रचय-प ू बनाने क ितिथ बढ़ाने पर भी िकसी ात ने अपनी िज मदेारी परी तरह ंू नह िनबाही। अिधक से अिधक अ सी ितशत नतीजा हि तनापर ु का था, जबिक मगध रा य ने साफ-साफ घोिषत िकया िक िनयोिजत या बढ़ाए गए समय म भी वह प रचय-प नह द ेपाएगा। आिखर कौरव-पाडव दोन के दबाव के फल व प महाराज धतरा ने ृं शषेनागजी से कहा िक वह प रचय-प क अिनवायता का िनयम िशिथल कर। अपनी इ छा के बावजद शषेनागजी को यह सलाह ू माननी पड़ी। पर इस िशिथलता क तगड़ी क मतआगे चलकर कौरव को ही भगतनी पड़ी....लेिकन यह िक साआगे चलकर....ु शषेनागजी के िनयम के अनसार य द के आरभ िदवस के दो िदन ुुं पहले य चार बद होना था। तब तक कौरव और पाडव ने ुंं दशे यापी दौरे के िविभ न रा य से सेनाए जमा क । कौरव के यारह ं तो पाडव के सात अ ौिहणी सै य के के मदैान म एक दसरे से ंुू लोहा लेने वाले थे। कौरव का चारत अिधक कामयाब सािबत ं हआ... इस चार-त के दो उदाहरण द ेसकते ह, म राज श य का तो ं दसरा ारकाधीशयादव का ह।ैू यादव का िक सा दरदशन ने अपने ातःकालीन वाता-प म इन ू श द म सनाया : 'परे यादव कल ने अपने नेता ी क णजी केआदशे ृुूु को नामजर कर कौरव क ओर से लड़ने का िनणय िलया ह।ै भोज, ंू अधक, गद, ब आिद यादव वीर का यवराज दय धन ने सहष ंुुु वागत िकया। यादव के व ा कतवमा ने इस अवसर पर कहा िक ृ य िप वेऔर उनके सहयोगी ीक णजी के ित आदर रखते ह, िफर ृ भी कौरव का प स य एव याय के िलए लड़ रहा ह,ै इसिलए उ ह ं शािमल होने का िनणय िलया गया ह।ै इस िनणय से ीक णजी ृ िवचिलत हए हऔर उ ह नेआगामी य म सि य भाग लेने से इकार ुं िकया ह।ै खबर ह ैिक पाडव-अजन के मनाने पर उ ह ने अजन के ंुु सारथी मा बननेको वीकित दान क ह।ैृ 'इ थ जलद वाता' नामक कौरव िवरोध समाचार -प ने इस बारे म ं एक नया पहल सामने रखा। 'अपने अिधकार क बदौलत कौरव ने ू साहकार िे य से य के खच के िलए जबद ती चदा वसली जारी ुंू क ह।ै जो विणक ऐसा चदा नह दतेे, उनके घर और दकान पर ंु सरकारी कर-अिधका रय के छापे पड़ते ह। यादव लोग कौरव के प म य गए, इसका ग कारण हम ात ह।ै हर यादव सामत को इस ुं कायके िलए एकल सवण म ाओक थैली दी गई।'ुुं इस समाचार से काफ खलबली मची। पाडव ने शषेनागजी के ं कायालय म यािचका दािखल कर इसआचारसिहता के भग क जाच ंंं करने पर जोर िदया। और यादव को य म भाग लेने से मना करने क ु ाथना क । इस म ेको लेकर श य हर पर धतरा क राजसभा म उठाया ृुू गया। लेिकन जब सभापित भी म िपतामह ने इस पर चचा करवाने क अनमित नह दी, तो सभा म हगामा श हआ। पाडव समथक ने ुंुं राजिसहासन को घरे िलया और राजदड फक िदया। कछ सद य ने ंंु कायसची प फाड़ डाले। सदन इन फटे भजप से ढक सा गया। ूू आिखर िपतामह केअनरोध पर धतरा महाराज ने यादव घोटाले क ृु जाच करवाने का आ ासन िदया और रा यसभा उस िदन के िलए बद ंं कर दी। {h§Xr nIdm‹Sm amO^mfm àH$moð 2024 vyaaema
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