IUCAA - VYOM Brochure 2024
05 पर अब जनता का िवरोध कछ कम होने लगा। य िक उदारीनीित के ु नए माहौल म कछ बाहरी वािहिनय के सारणके िलए मा यता दान ु क गई। और जनता के िदल बहलाव के िलए नारदवािहनी, गधववािहनी, य वािहनी आिद कई दरिच वािहनी भारत भर अपना ंू सारण करने लग । हा इसके िलए अत र से सदशे वहन करने वाली ंंं त त रय क ज रत थी, िजसके महगे म य केवल धिनक ही चका ंूु पाते थे। जनसामा य के िलए ऐसी त त रया बहत कम स या म ंं उपल ध थ । िफर भी, अब दरदशन समाचार के िलए इन वािहिनय के ू समाचार ित ी के प म सामनेआगए। ं इन सब म नारदवािहनी के समाचार स यिन माने जाते थे। य िक वय दवेिष नारद ि लोक म च कर लगाकर ताजे समाचार लाने म ं बेजोड़ थे। हर घिटका नारदवािहनी अपने समाचार सा रत करती थी। ि लोक म कह भी जाकर लड़ाई के समाचार, िकसी ऋिष के तपोभग ं (इ भगवान ारा भजेी गई अ सरा ारा) का समाचार, िकसी ं राजकमारी के वयवर या अपहरण के समाचार, कबेर के खजाने म ुंु म ा क ि थित, आिद सभी घटनाओ क सही मीमासा नारदवािहनी ुंं म ही िमलती ह,ै यहआम जनता क धारणा थी। जब यादवराज ीक ण ने िवदर के घर जाकर सखी रोिटया खाई तब ृूंु दरदशन ने उस घटना का िज तक नह िकया। लेिकन नारदवािहनी ने ू उस घटना को अपने समाचार म मख थान िदया और उसक ु राजनीितक पा भिम क चचा क । जब इसक जानकारी दय धन को ूु िमली, तो उ ह ने ग से म आकर दरदशन के वाता-सपादक को ुंू िनलिबतकर िदया।ं राजनीित के भा यकार ने िट पणी क िक पाडव क यह माग यो य ह।ै ंं अ य वािहिनया मनोरज को ही मह व दतेी थ । उनके काय म दवे- ंं गधव,-य , अ सरओ क िवलािसता के दशन पर जोर दतेे थे। ऐसे ंं िवलासी जीवन पर आधा रत िक से 'अमरावती','अलकापरी' जैसी ु िच मािलकाओम मिहन चला करते थे। िवलािसता, अ ीलता एव ंं अभ या िहसाचारी य के कारण ये मािलकाए िकशोर या जवान ंं के िलए अयो य ह, सा कितक म य का नाश करती ह, ऐसी टीका ृंू िट पणी बड़े बढ़ ारा क जाती थी।जानकार लोग कहते थे िक यह ू किलयग के आगमन क अि म सचना ह-ै भरतखड का माहौल ुूं िबगड़ता जा रहा ह.ै.. पाडव ने एक खास वाता गो ी बलाकर ऐलान िकया "हम शाित से ंुं रहना चाहते ह। यिद हम केवल पाच ाम िदए जाए तो हम भारतवष के ंं बाक भभाग पर कोई हकनह मागगे।"ूं वे सा ा य काआधा िह सा माग सकते थे... लेिकन इतनी अ प माग ंं पर यिद वे सत ह, तो कौरव को इसक आपित करनी चािहए। ंुू अ यथा महाय अटल ह ैऔर ऐसे य म अपार खनखराबा होगा।पर ुुू दय धन के सलाहकार ने िवरोध कट िकया। "ऐसी ही माग क पित ंूु से रा क अखडता खिडत होगी।" उनक इस सलाह को दरदशन ने ंंू बार-बार दहराया।ु नारदवािहनीः पाडव के दत क हिैसयत से आए ीक ण जी को ृंू हि तनापर राजसभा म धमकाने क कोिशश हई। दत के साथ िकए गए ुू अस य यवहार पर ोभ य करते ीक ण जी िवराट प धारण ृ िकया, िजससे सभी कौरव भयभीत हो गए। आिखर म य म ेपर चचा ुु श हई। लेिकन सया त तकअसफल ि थित म समा हई। ऐसा कहा ुू जाता ह ैिक माहौल िबगड़ने का कारण था, यवराज दय धन क ुु प ोि " भले ही य हो पर म सई क नोक पर सके, इतनी भिम भी ुुू नह द ेसकता।" नारदवािहनी के इस समाचार से काफ हगामा हआ। मख कौरव ने ंु अफवाह और भड़काने वाले तथाकिथत समाचार-प को सा रत करने के िलए नारदवािहनी पर ग सा उतारा। खद यवराज दय धन ने ुुुु इस बात से इ कार िकया िक ऐसा कोई व य उ ह ने िकया। 'यिधि र ु जी से आमने-सामने चचा के िलए कौरव के दरवाजे हमशेा खले ु रहगे।' ऐसा एक िव ि म उ ह ने ऐलान िकया। साथ ही म यवा कौरव ु गट ने नारद वािहनी से मा-याचना क मागक ।ुं इस पर नारदवािहनी के सवाददाता ने बयान जािहर िकया, 'राजसभा म ं घटी घटनाओ क समची िच फ त मरेे पास ह।ै आव यक हो तो यह ंू िदखाई जा सकती ह,ै िजससे सािबत होगा िक दय धन जी ने ऐसा ही ु कहा था। दरदशनः "यह कौरव-पाडव का आपसी मामला ह।ै इसम यादव ंू जैसी िकसी बाहरी शि का ह ते प बदा त नह िकया जाएगा।" ऐसे प श द म यवराज दय धन के ताड़ना दनेे के बाद ीक ण ज़ी को ृुु खाली हाथ लौटना पड़ा। उ ह ने इस घटना पर िट पणी करने से इनकार िकया। आिखर पाडव क ओर से दत बनकर ीक ण भगवान हि तनापर के ृंुू राजदरबार म हािजर हए। उस चचा का यौरा दरदशन ने एव नारद ंू वािहनी ने इन श द म िदयाः अपनी दिैनक वातासभा म कौरव व ा जय थ ने इस बयान को धड़काते हए कहा िक हम नकली विन फ त पर िट पणी नह करना ु चाहते। ( मशः) {h§Xr nIdm‹Sm amO^mfm àH$moð 2024 vyaaema
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