IUCAA - VYOM Brochure 2024

29 गु ाकषण तरंगे - नीिलमा मगदमु िहदी ितयोिगता िवजेती रचनां बहते पानी म मारा प थर िदखाई दी कछ लहरे, ु देखा तो लगा िकतने गहरे, िकतने सनहरे !ु कतहल जागा मन म, कैसे ह गे ा ड म अनत ग वीय तरगे ?ुुंुं अ बट आइ टीन का िस ात सामा य सपेि ता,ंं लाइगो ने 2015 म लगाया ग वाकषण तरग का पता |ुं िलिवग टन, लइिसयाना, हैनफोड, वािशगटन, यएसए म पता चला,ंुंू दिनया म है लेजर यितकरण मापी ग वीय लहरी क वेधशाला |ुु य ॉन तारे क ण िववर िवलय क जोड़ी ने बनाया ग वकषण तरग क खोज,ूृुं ग वाकषण तरगो म ऊजा हई ल , अनत तरग सशोधन क अदभत मौज़ |ुंुंंंु महानोवा म एक तारा फट जाता है जब, अत र म अ य तरग बनती ह तब,ंं दो बड़े तारे करते ह एक-दसरे क प र मा, दो क ण िववर िवलीन होते ह,ृू ये ह िव ान क मिहमा ! काश क गित से करती ह या ा, सकिचत करती है पदाथ क मा ा,ंु एक दसरे क प र मा करके िवलीन हए क ण िववर बने ग वाकषण तरग,ृुंु िखच िलया सशोधन इसी ने, सशोधक और बहोत कछ माँगे |ंंंु 1980 के दशक म आयका के ा. डॉ. सजीव धरधर से ग वीय तरगो क सशोधन,ुंुंुंं सामा य सापे ता और ग वाकषण तरग, डॉ. धरधर, डॉ. सिजत िम ा से लेखन |ुंुंं डॉ. कभावी, डॉ.प पा खरे ने लेखन म पेश िकया “िव दशन के नए साधन”,ु महारा िहगोली म लायगो भारत ग वीय लहर वेधशाला का काय,ंु िव यापी सजाल म आयका पणे महान सशोधक का परा सहकाय |ंुुंु लायगो योगशाला के िलए तीन मख स थान के बीच एक सहयोग, ुं गाधीनगर गजरात, पणे, इदौर म सयोग से बना िव ा का राजयोग |ंुुंं सधारगे आकाशीय थानीकरण, िव त चबक य दिबन से िदखेगा,ुु्ुंु हाड का तेजी से िव तारीकरण, हाड का तेजी से िव तारीकरण |ंं {h§Xr nIdm‹Sm amO^mfm àH$moð 2024 vyaaema

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