IUCAA - VYOM Brochure 2024
23 5. भिव य के िलए तैयारी: आज िव ान को समझना छा को 4. तकसगत सोच िवकिसत करना: वै ािनक िविध छा को ं िवचार को वा तिवक दिनया के अनभव से जोड़ना िसखाती ह।ै ुु यह एक सेश होता ह,ै िफर िवचार को परखने के िलए योग ु होते ह, और अत म िन कष िनकलता ह।ै यह ि या छा को ं सोचनेऔर सबत केआधार पर िनणय लेने म मदद करती ह,ै जो ू जीवनके हर े म म यवान होते ह।ू िन कष : कल म गणव ापण िव ान िश ा दान करना दशे म ूुू िव ानक गहरी समझको बढ़ावा दनेेके िलए मह वपण ह।ैू भिव य के िलए तैयार करता ह।ै उदाहरणके िलए, िव ान िश ा ने ध पान दर को कम करने म मदद क ह ैय िक इसने लोग को ू इसके खतर के बारे म जाग क िकया ह।ै कल म िव ान को ू भावी ढग से पढ़ाने से दशे म एक वै ािनक सोच का िवकास ं होता ह,ै जो भिव यक गितके िलए मह वपण ह।ैू भारत िव ानऔर ौ ोिगक के े म िनरतर गित कर रहा ह,ै और ं इसका एक मख उदाहरण टीएमटी (टवटी मीटर टेली कोप) इिडया ु्ं प रयोजना ह।ै यह प रयोजना न केवल भारत के िलए बि क िव तर पर खगोलीय अनसधान के िलए भी अ यिधक मह वपण ह।ै टीएमटी ुंू प रयोजना का उे य एक िवशालखगोलीय दरबीन का िनमाणकरना ू ह,ै िजसम 30 मीटर यास वाला ाथिमक दपण होगा। यह प रयोजना कैिलफोिनया इ टीटयट ऑफ टे नोलॉजी, कनाडा, जापान, चीन ्ूं और भारतके सय यास सेसभव हो रही ह।ैंुं भारत इस प रयोजना म एक मह वपण भागीदार ह,ै और भारतीय ू खगोलिवद व वै ािनक प रयोजना के िवकास म मह वपण योगदान द ेू इस प रयोजना का म य उे य खगोलीय घटनाओ का अ यिधक ुं सटीकता के साथ अ ययन करना ह।ै इस दरबीन क मदद से वै ािनक ू ाड के ारिभक समय, गैलेि सय के िनमाण, काले िछ ( लैक ंं हो स), ह के िनमाण और अ य खगोलीय घटनाओ का अ ययन ं कर सकगे। टीएमटी क सहायता से तार , ह और आकाशगगाओ ंं के बारे म ऐसी जानकारी ा हो सकेगी, जो पहलेअसभव मानी जाती ं थी। रह ेह। भारतीय खगोल भौितक स थान (इइए), बगलोर, इटर-ंं यिनविसटी सटर फॉर ए ोनॉमी एड ए ोिफिज़ स (आयका), पण,े ूंुु और आयभ ा रसच इ टीटयट फॉर ऑ जवशनल साइसेस ्ूंं (एआरईएस), नैनीताल इस प रयोजना के मख नेत वकता ह। इन ृु स थान ारा भारत-टीएमटी क गितिविधय का सम वय िकया जा ं रहा ह।ै भारतीय वै ािनक न केवल प रयोजना के िवकास म सहयोग द े रह ेह, बि क इसम उपयोग होने वाले अ याधिनक उपकरण के ु िनमाण म भी सि य भिमका िनभा रह ेह। भारत ने इस प रयोजना के ू िलए िव ीय सहयोग और तकनीक िवशषे ता दोन दान क ह,ै िजससे भारतीय वै ािनक को अतररा ीय खगोलीय समदाय के ंु साथजड़नेऔर मह वपणअनसधानकरनेका अवसर िमल रहा ह।ैुूुं पण ेि थत इटर-यिनविसटी सटर फॉर ए ोनॉमी एड ए ोिफिज़ स ुंूं (आयका) इस प रयोजना म िवशषे प स ेमह वपण भिमका िनभा ुूू रहा ह।ैआयका ने दरबीन म उपयोग होने वाले इले ॉिन सके िनमाण ुू और भारतीय िवे ताओक पहचान करने म मह वपण योगदान िदया ंू ह।ै अब तक, टेली कोप पर थािपत होने वाले 20 सेट इले ॉिनक केब स क आपित क जा चक ह,ै जो टेली कोप क काय मता ूु सिनि त करने के िलए आव यक ह। इसके अलावा, आयका सभी ुु आकाशगंगाओं के रह क खोज: टीएमटी इं डया का सफर - िवशाल जैन िहदी ितयोिगता िवजेती रचनां {h§Xr nIdm‹Sm amO^mfm àH$moð 2024 vyaaema
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