IUCAA - VYOM Brochure 2024

और जैसे के म अजन को सननी पड़ी वैसी ही उपदशे गीता ुुु यिधि र को हि तनापर म सनने को िमली। और ीक ण बोलते रह ेृुुु जब तक यिधि र के मख से वही अजन के वा य िनकले "न ो मोहः ुुु '' यही वा य कहकर तमने जआखलेने का िनम ण वीकारा था,उसे ुुं याद करो धमराज! सनो! दरिच वाणी एक भावशाली मा यम ह ैुू िजसका उपयोग रा यकता को सिवचार से करना चािहए। उसे चािहए ु िक जनता को िदखाए िक वह िकतना नीित म य का उपासक, ू स यवचनीऔर यायी ह।ै "पर मझ ेतो ऐसे कदम म कोई नकसान नज़र नह आता" यिधि र ने ुुु दलील दी। "भाई! म तो य के पहले िदए गएआ ासन क पित कर रहा ह। यह ुूं आ ासन मने ही जनता को िदया था। यिधि र बोलेः "रा यकता को ु चािहए िक वह िन प पाती रह ेऔर अपनी िनदा सनने के कािबल हो। ंु मयादा प षो म राम एकधोबी क िनदा पर..."ुं "दखेो मने रामावतार म जो ब पना िदखाया उसक याद मत ुू िदलाओ। ऐसी िनदा से या फायदा िकअपनी धमप नी गवानी पड़े?" ंं क णऔर भी उ िेजत होकर बोले।ृ "आओवासदवे ! त हारा वागत ह।ै - इतनी भागदौड़क या ज रत ुु थी? म कराते हए यिधि र ने पछा।ुुुू "धमराज ! य केआरभ म मने अजन को एक गीता सनाई। अब य ुंुुु के प ात लगता ह ैत ह दसरी गीता सनानी पड़ेगी।" ी क ण उ िेजत ्ुुृू थे। ाथना क िकउनसेचचा िकए िबना इन फमान को कायाि वत नकर।् "पहिेलय म मत बोलो, अ यत। या मने कोई गलती क ह?ै" ु धमराज ने सौ यता से पछा।ू "गलती ?.... सभी कछ िबगाड़ने पर उता हो तम। यह या माजरा ह ैुु दरदशनको वाय बनानेका?" ी क ण ने पछा।ृूू अपने िसहासन को िटकाने का यह एक मख हिथयार ह।ै त ह ही नह ंुु त हारेआ , िनकटवितय क ितभाओको इस मा यम सेजनता के ुं सामने रखने का मौका इस वायतता दनेे क मखता से तम गवा रह ेहो। ूुं याद रखो एक वाय दरदशन दोधारी तलवार ह।ै त ह भी इसके वार ुू झलेने पड़गे...'' मितल धा व सादात मयाऽ यत"।ृ्ु "यह कौन कहता ह ैिक तम अपने वचन वापस लो?" ी क ण हसकर ृुं बोले... "म त ह माग सझाता ह। दरदशन को वाय बनाने के ताव ुुंू को मत प दनेे के िलए तम एक सिमित गिठत करो। सिमित का ूु यौराआएगा। तब उस पर िवचार कर के िनणयलेना।" ''यह रही मरेी सची" ीक णजी परी तैयारी सेआए थे। वे बोले, "इसम ृूू रखो अ थामा, नारदऔर हनमान जी को।''ु '' य िकये तीन अमर ह। पता नह सिमितक रपोट कबआए.?'' यिधि र बोले "पर वाय ता का आ ासन तो म द ेचका ह। सझाता ुुंु ह। दरदशन को वाय अपना वचन म लौटा नह सकता... आिखर ंू म स यवचनी धमराजकैहलाता ह।"ं ''पर इससिमितके सद यकौन ह गे?'' '' य ?" धमराज ने पछा।ू ीक ण का अदाजा सही िनकला। ापर यग बीता, किलयग चल रहा ृंुु ह ैपर सिमितक रपोटअभी नह आयी। (उपरो आलेख ो. जयत िव ण नाल कर ारा िलिखत एव ंुं िहदी समाचारप म 'महाभारतीय दरदशन' नाम से कािशत ंू का पिनककथा का भाग है।) 13 {h§Xr nIdm‹Sm amO^mfm àH$moð 2024 vyaaema

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