IUCAA - VYOM - Hindi Pakhwada 2023

31 ऐसे थे भारत के व ान के चालक - अपणा एस. भारतीय खगोल शा एव गिणत ,ं " फट िस ात" के णेता हग ।ुंु यटन से सिदय पहले,ू "ग वाकषण" क अवधारणा को िकया तत।।ुु परमाण िस ात के जनक महिष कणाद,ुं "वैशेिषक िव ालय" के मलकता ह।ू जो कहते ह िक अण अिवनाशी ह,ु आज भी हम इसके पालनकता ह। "वराह" उपािध से स मािनत वराहिमिहर, जलिव ान और भिव ान के ाता थे असाधारण,ू अपनी "बहत सिहता" म करते ह,ृ्ं "भकप िस ात" का उ म ितपादन।।ूंं ओ मेरे भारत महान!! तमने बढ़ाए है िकतने ही लोग के ान।ु ाचीन काल से फैली है त हारी शान,ु ओ मेरे भारत महान!! तमने िदए ह वह पजनीय वेद,ुू िजनम जीवन जीने के सार ा होते ह। तमने िदए ह वह उ म ऋिष और ानी,ु िजनसे िव ान के पार क बि ा होती है।।ु िसध घाटी क उन योजनाब नगर म,ंु उनक िवल ण बि ि गत होती है।ु हड़ पा के धात िव ान और न काशी म,ु कला क ओर ेम छलकती है।। गिणत के सव थम िव ान, "श बस " के रचियता बौधायन महान।ुू पाइथागोरस से सह वष पव ही,ू िकया "पाइथागोरस मेय" का आ यान।। "अनत" क अवधारणा के वतक,ं "िस ात िशरोमिण" के रचनाकार भा कराचाय।ं बोले - अनत आकित म जोड़ने या घटाने पर,ृं होता न कोई प रवतन का काय।। भारतीय गिणत के जनक आयभ आए, "श य" का मह व समझाए।ू धरती गोल है और सय क प र मा करती है,ू अपने "आय भािटया" म यह िदखलाए।। िव क ाचीनतम िचिक सा णाली, हमारे भारत से आती है, अ छा व य और दीघाय िजसका ल य है,ु वह "आयवद" कहलाती है।ु महिष स त के लाि टक श यिचिक सा का,ुु स पण िव के लोग आज भी अनसरण करते ह।ूु सह रोग और उनके घरेल उपचार,ू "स त सिहता" म महिष िलखते ह।।ुुं ाचीन भारत म उ प न हई, "योग" क आ याि मक था, िच क शाित और मन क शि होने क ,ंु आज भी लोग कहते ह इसक कथा।। स कत के "यज" श द से बनी है,ृुं आ मा को परमा मा से जोड़ती है। महिष पतजिल के मागदशन म,ं इसने िव भर म अपनी पहचान बनाई है।। हमारे भारत देश क सम िवरासत,ृ इन ाचीन तथा िति त वै ािनक के ान का भडार है।ं खगोल िव ान, गिणत, िचिक सा और धात िव ान,ु इनक जानकारी िदए िव को अपार है।। इनक बि म ा और अत ि ,ुं आज भी ेरत करती है हम। हे भारत माता, तेरे इन सपत पर गव है हम।।ू ऐसे थे भारत के िव ान के चालाक, खाड पिडत िक त घमड हीन,ंंुं िवषय के ती ण ाता पर थे सदाचार के पालक, उस समय क स यता और ौ ोिगक के, िवकास के थे वे ितपालक। ऐसे थे भारत के िव ान के चालक।। ऐसे थे भारत के िव ान के चालक।। {h§Xr nIdm‹Sm amO^mfm àH$moð 2023 िहदी पखवाड़ा - िवजेता रचनां

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