Khagol Bulletin # 131 (Jan 2024) - HINDI

• अ यिधक यनतम म य पर िटटैिनयम का ूू सफलतापवकउ पादन । ू • िविभ न अन योग के िलए काबन नैनोटय ज का ु्ु िवकास। तकनीकके िवकास एव उसके काया वयन पर चचा क । ं अनसधान क प भिम िटटैिनयम एव काबन नैनोटय ज ृ्ुंूंू को आयात करने के उ च म य, वदशेी उ पादन क ू आव यकता को ो साहन दनेा थी। इसका उे य आिथक एव रा ीय लाभ के िलए वदशेी तकनीक ं िवकिसत करना था। इसक कायप ित म िटटैिनयम क पन ाि करने, नैनोटय ज िवकिसत करने, और ु्ू बलेट फ जैकेटस, हाइ ोजन टोरेज एव कॉ पोसाइट ुु्ं मटे रयल जैसे अन योग के काया वयन के िलए ु ायोिगकसय शािमलथा।ंं • बलेट फजैकेटसका यावसायीकरण। ुु् ा प रणाम िन नानसार ह:ु िन कष के तौर पर, डॉ. जोशी ने ब अ वेषक एव ुं सम रा के िनमाण को सिनि त करने के िलए समाज ृु अनसधान के िनिहताथ म आयात क जाने वाली ुं तकनीक क िनभरता म घटाव, आिथक लाभ, एव ं वदशेी तकनीक के साथ दशे को शि दान करना शािमलह।ै को ब करने क आव यकता पर ज़ोर िदया। उ ह ने ु सामािजक िहत के िलए तकनीक के काया वयन के मह व को भी अिकत िकया और सामािजक उ िमता म ं आगामी एमबीए पाठय म के आरभ क घोषणा क । ्ं उ ह ने आगे तकनीक के काया वयन एव वै ािनक ं मनोवि के सवधन के मा यम से होने वाले सामािजक ृं एव आिथक भाव क सभावना पर जोर िदया। ंं डॉ. जोशी ने वै ािनक मनोवि को ो साहन दनेे म ृ या यान का समापन य प से उपि थत दशक के साथ बातचीत एव यटयब पर आए ऑनलाइन सवाल ्ूंू के जवाब दनेेके साथ हआ। आयका ारा िनभाई जा रही भिमका को रेखािकत िकया ुूं एव उसक सराहना क । इसके साथ-साथ उ ह ने ं आयका के साथसहभािगता म िच िदखाई।ु रकॉड िकया गया या यान यटयब िलकु्ूं: https://www.youtube.com/live/Fa_jcLmY3YA?si=af8sRQ-HopIuIfyg अनसधाना मक िवशेषताएँुं ग वीय तरग के साथ सहत िसतार के रह य का भेदन करना।ुंं य ॉन िसतारे ऐसी सहत व तए ँहोती ह जो िक महाकाय िसतार के ूंु जीवनकाल के अत के लयकारी सपरनोवा िव फोट के बाद ंु बनती ह। वष 1967 म कै ीज िव िव ालय के जोसिलन बेल नामक नातक छा ारा रेिडयो आवि य म सयोगवश खोजे गए ृं इन सहत िसतार का िव तचबक य पे म के सभी भाग म ंुंुे ण िकया गया ह।ै िकत अभी तक इस कार के व तओ के ंुुं रह यमयी आत रक भाग म सीध ेअ वेषण करने क कोई ं सभावना नह ह।ैं 17 अग त 2017 : लाइगो वै ािनकसहयोगी सगठन ारा क गई ं अभतपव घोषणा नेआधिनकखगोलिव ान के ि कोण म ाित ूूुं ला दी । दो य ॉन िसतार के टकराव से उ प न हए ग वीय तरग ूुं सकेत का पता लगाया गया, िजसने िवशाल सहत व तओ के ंंुं अद नी िह स का अ वेषण करने क एक नवीन तकनीक क ं सलाह दी । इस घटना के बाद एक ही ोत का दरबीन ारा बह-ू तरगदै य म िव त चबक य सकेत के े ण ने इस कार क ंुंुं िवलयन घटनाओ से सबिधत कई अनमान क पि क और ंंंुु इस कार बह सदशेवाहक खगोलिव ान के नए यग क ंु श आत क ।ु य ॉन िसतार के रह यमयी आत रक भाग हमारी वतमान ुं जानकारी से परे जाकर पदाथ के गणधम के बारे म सकेत दान ुं करते ह। ाडक सबसे गहन सभा य व त होने से, य ॉन िसतारे ंंुु हम कित को उसके सबसेचरम प म दखेने क अनमित दतेे ह। ये ृु गहन आत रक भाग हाइपरॉ स (अजीब ब रऑन) या वाक ं पदाथ (कण के मलभत घटक) जैसे अजीब कण को सभवत: ुूं आ य दतेे ह। पदाथ के मलभत घटक के बारे म हमारी जानकारी ूू भौिमक योग तक सीिमत ह,ै जैसे िक नािभक य योगशालाओ ं म िकए गए योग अथवा कण वरक म भारी -आयन योग। िकत य ॉन तारे गहन पदाथ क हमारी वतमान समझ से काफ परे ंुु होते ह, इसिलए उनके यवहार को प करने के िलए सै ाितक ं ितमान का सहारा िलया जाता ह ैऔर खगोलभौितक डेटा के साथ सै ाितक पवानमान क तलना क जाती ह।ै हालाँिक, ंूुुे णा मक डेटा िवे षण म अिनि तता एव अ ान यव था के ं ित वतमान सै ाितक जानकारी के हमारे िन कष हम हबह ं ितमान को सीिमतकरनेक अनमित नह दतेे ह।ु ग वीय तरग (जीड य) - जो िक महाकाय ाडीय व तओ ुंुंुं क ट कर ह अथवा उि न िदक-काल क ऊिमकाओ से िनिमत ्ं | 03 A§H$ 131 - OZdar 2024 | IJmob | KHAGOL

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