Khagol Bulletin # 131 (Jan 2024) - HINDI
भारत के ओएई क ने िबग आईिडयाज प तक के ु रोमािनयन, चाइनीजऔर हिैतयन अनवाद को म ण के ुु िलए उपय इनिडजाइन ा प म प रवितत करने म ु सहायता क । जा सकती ह।ै https://astro4edu.iucaa.in/books.html हम म ण के िलए सौर णाली िवषय पर आधा रत ु खगोलिव ान श दावली काडस को अितम प दनेे क ्ं ि या म ह। एचबीसीएसई मओएई सटर इिडया कािमक ने बिनयादी ंु खगोलिव ान सक पनाओको उपल ध कराने के िलए ंं खगोलिव ान म शिै क वीिडय क खला का सि य ृं प से िनमाण िकया, येक वीिडयो 12 से 15 िमनट का ह।ै इन वीिडयो म सौर णाली से लेकर खगोलीय सम वय और प रमाण तक िविवधतापण िवषय थे, जो ू मा यिमक िव ालय और ारिभक पव नातक छा ंू तथा अे जी एव िहदी, मराठी जैसे थानीय भाषाओ के ंंंं िश क के िलए ह। इस ितमाही म कई भाग जनवरी 2024 के ारिभक िदन के िलए यटयब ीिमयर योजना ्ूंू के साथ पो ट-एिडिटग ि थित म थे। उप म को ओएई ं के सोशल मीिडया मा यम पर चार यास ारा सहयोग ा हआ। िजसका उे य िडिजटल मा यम के ज रए खगोलिव ान िश ा क पहच और भाव को ं बढ़ाना ह।ै उे य: पाठय म म खगोलिव ान को बढ़ावा ् देना बेसलाइनसव ण भारत के ओएई क ने िपछले वष सपण दशे म ंू खगोलिव ान िश ा क ि थित जानने के िलए बेसलाइन सव ण का आयोजन िकया। इस सव ण म 10 रा य के 34 िव ालय के 2000 से भी अिधक छा ने सहभाग िलया। हमारा िवे षण बताता ह ैिक भले ही छा को खगोलिव ान म बेहद िच ह िफर भी मलभत खगोलिव ान का पया ान ा करना ज री ुू ह।ै हमने यह पता लगाया ह ैिक िकस कार िलग, ं ससाधन क उपल धता और भौगोिलक िविवधता इन ं िन कष को भािवत करती ह। इन प रणाम पर आधा रत ह तिलिखत को सहकम समी ा के िलए भजेा जाएगा। खगोलिव ान, खगोलभौितक एव ाडिव ान पर शै िणक कायशालांं "पेडागॉिजक वकशॉप ऑन ए ोनॉमी, ए ोिफिज स एड कॉ मोलॉजी" नामक पाँच िदवसीय कायशाला का ं आयोजन भारत के उ री भाग म पव नातक छा को ू खगोलिव ान एव खगोलभौितक पढ़ाने वाले िश क ं के िलए 6 से 10 नवबर 2023 के दौरान िकया गया। ं कायशाला का आयोजन सट टीफ स महािव ालय म िश क हते खगोलिव ान क , मालवीय िमशन ु िश क िश ण क , आयका, पण ेएव भौितक ुुं िवभाग, सट टीफ स महािव ालय, िद ली िव िव ालय ारा सय प से िकया गया था। लगभग ंु 30 िश क एव 15 िवशषे ने कायशाला म उपि थित ं दशायी। कायशाला का उ ाटन सट टीफ स महािव ालय के ि िसपल ने िकया और दीपाकर भ ाचाय, अशोका ंं िव िव ालय, ने उ ाटन या यान िदया। कायशाला के म य उे य कछ इस कार थे: (i) ऐसी अिभनव ुु अ यापन प ितय एव कायनीितय क खोज करना ं िजनके कारण खगोलिव ान और खगोलभौितक के े म छा अ ययन अनभव म सधार िकया जा सके, ुु (ii) खगोलिव ान, खगोलभौितक के मख े म ु म य सक पनाओ के िवषय सबिधत ान को अिधक ुंंंं िव तत बनाना, (iii) ऐसी ससाधन साम ी िवकिसत ृं करना िजसका उपयोग िश क अपने िश ण सबधी ंं काय को बढ़ानेऔर भावी प सेअपने छा को काम पर लगाने के िलए कर सक, ( i v ) िश क को िश क हेत खगोलिव ान कु मालवीय िमशन िश क िश ण क यावहा रक उपकरण एव ायोिगक गितिविधय ं के साथ सि जत करना तािक वे उ ह क ाओ म ं लाग कर सके, छा के बीच सि य अ ययन और ू आलोचना मकसोचको ो साहन द। िवषय म तारे एव ं तारक य िमक िवकास, बह-तरगदै य खगोलिव ान, ं खगोलीय योग, आकाशगगाए ँऔर सि य गागेय ंं नािभक, ए स-रे खगोलिव ान, प सस एव रेिडयो ं खगोलिव ान, अिद पदाथ, ाडीय दरी क सीढ़ी ंू और ाडिव ान, शािमल थे। कायशाला म येक ं िदवस ायोिगक स होते थे और िश क ितभािगय ारा ततीकरण िदए जाते थे। िवशषे के प म ु दीपाकर भ ाचाय और िफिलप चे रयन ( अशोका ं िव िव ालय),टी.आर.शषेाि और दशन बेिनवाल (िद ली िव िव ालय), अ बेरी (आईआईएसईआर मोहाली), चतेना जैन (हसराज कॉलेज), सि त िसह ंुं (आईआईटी िद ली), मने पाल ( ी वकटे रा कॉलेज), दीपक जैन (दीन दयाल उपा याय कॉलेज), गीताजली ं सेठी, अ य राणा, ित ठाकर और सािनल उ नीक णन ृुू (सट टीफ स कॉलेज) और काश अ मगासामी एव ुं बा जे. सैिकया (आयका) उपि थत थे। कायशाला के ुु सम वयक गीताजली सेठी, सट टीफ स कॉलेज, ं िद ली िव िव ालय, वैदहेी एस. पािलया, आयका, ु पण ेएव टीम एसीई,आयका, थे।ुंु | 21 A§H$ 131 - OZdar 2024 | IJmob | KHAGOL
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