Khagol # 130 - Jan - Jul 2023 - Eng & Hindi

ऑि टकल प रवतनशीलता पर चचा क आईआईएसईआर मोहाली क मघेा ने फम -एलएटी गामा-रे पे ल और FSRQs क VHE घटनाओ के ं दौरान क ता कािलक ि थित पर चल रह ेकाम को तत िकया। । क मीर िव िव ालय के आक ब मजर ुंू ने ले टोिनक ितमान का उपयोग करते हए आस-पास के लेजस म अ यिधक उ च ऊजा गामा- रे क अिधकता पर अ वेषणा मक िवचार तत िकए। ु ि तीय स लेजर II पर था, िजसक अ य ता डॉ. जहीर अहमद शाह ने क । इस स म आईआईएसईआर मोहाली के अिवक कमार दास ने पे ल िमक ु िवकास अ ययन तथा TeV BL La c TXS 0518+211 का ितमान तत िकया। क मीर ु िव िव ालय के अथर अहमद दार ने िविश ल स ि थितय के दौरान मह वपण VHE को उ िटत करते ू हए अ यिधक ती ऊजा के िलए िवक प के प म F S RQ 3 C 3 4 5 क िवभव पर चचा क । एआरआईईस के शभम िकशोरे ने TESS का उपयोग ु करके S4 0954+658 लेजर म अधआविधक दोलन क खोज मअत ि दान क । क मीर िव िव ालय के ं जावेद अहमद त य ने बह-तरगदै य ेण को योग म ंं ला कर Mrk 50 के जेट पॉवर के यवरोध उ प न करने पर चचा क । चौथा स ए स-रे बाइनरीज पर था, िजसके अ य डॉ. मबािशर हमीद थे। आईआईएसईआर मोहाली के अ ु बेरी ने अ शन-पॉवड िमलीसेकद ए स-रे प सर के ं ए ोसैट ेण तत िकए । क मीर िव िव ालय के ु साजद अहमद बोकाड ने GRS 1915+105 वाला क उसके असाधारण िन न ि थित के दौरान समय- िवभदेन पे ो कोपी पर चचा क । एआरआईईएस के ीिनवास एम राव ने बाइनरी V1460 के हण के फोटोमिे कअ ययनको तत िकया ।ु तीसरा स AGN-I पर था, िजसक अ य ता ो. नासीर इ बाल ने िनभाई। स सि य गागेय नािभक ं (एजीएन) पर कि त था। क मीर िव िव ालय के िसकदर अहमद दार ने ए ोसैट डेटा का उपयोग करके ं Mkn 421 के ए स-रे पे ल पैरामीटस के बीच दीघकािलक सहसबध अ ययन क चचा क । ंं सीयएचपी के रितश कमान ने दबल उ सजन रेखा ूुु वसास म वासास के ारिभक मागत िवकास ं चरणके सबत पेश िकए।ू पाचवाँ स खगोलभौितक म एआई एव एमएल के बारे ं म था। इसक अ य ता डॉ. अ बेरी ने िनभाई। इस स मआिटिफिशयल इटेिलजसऔर मशीन लिनग के साथ ं खगोलभौितक के ित छेद को रेखािकत िकया गया। ं एमएएनयय हदैराबाद के मदािसर राजा ने पयवेि त ूूु मशीन लिनग िवशषे प से रॅ डम फॉरे ट अ गो रदम "िहमालयन मीट ऑफ ए ोनॉमस" ने सबिधत े म ंं गहन चचाओ , ान का आदान- दान करने एव ंं िवशषे के बीच सहयोगा मकता को बढ़ावा दनेे के अपने मख उे य क सफलतापवक पतता क । ुूू िविवधातपण स म एआई एव एमएल जैसी नवीनतम, ूं उ नत तकनीक के ित छेदन के साथ ए स- रे बाइनरीज के छोटे से छोटे िववरण से लेकर आकाशगगाओक भ यता तकक खगोलीय घटनाओ ंंं क िव तत खला को शािमल िकया गया। ततीकरण ृृंु छठा स आकाशगगाए/ँ एजीएन II पर था। ो. कनक ं साहा ने इसक अ य ता िनभाई िजसम आकाशगगाए ँं एव एजीए से सबिधत िवषय क िव तत खला को ृृंंंं शािमल िकया गया। सीयएचपी के मध सदन ने ूुु जेडटीएफ काश व रेखाओ का उपयोग करके नॅरो ं लाइन सेफट गैले सी के काशीय ल स एव वण ं प रवतनशीलता पर अ वेषणा मक िवचार तत िकए। ु क मीर िव िव ालय के शीराज अहमद खादये ने ं Abell 426 म आकाशगगाओ का आकितिव ान, ृंं वण-मिै नटयड आकित एव केिलग सबध पर चचा ्ूृंंंं क । क मीर िव िव ालय के ही हमायरा बशीर ने आकाशगगा ल टर एव आकाशगगा समह म ंंंू िवस रत रेिडयो उ सजन के जीएमआरटी अ ययन को तत िकया। सीयएचपी के धम ने पॉवर पे ा के ुू काशक य ढलान के बीच के सबधऔर सि य गागेय ंंं नािभक के भौितक गणधम पर चचा क जब िक ु सीयएचपी के एकऔर सद य िहमाशशमा ने म यवत -ूंू यमान एजीएन म अधआविधक दोलन के िलए खोज ततक ।ु का उपयोग करके सद य व िनधारण पर चचा क । सीयएचपी के याग शमा ने िस यलेश स और एआई ूु का उपयोग करके लाइमनै अ फा फॉरे ट के िवे षण पर ततीकरण िदया। ु एव चचाओ ारा मह वपण अत ि दान क गई, ंंूं अनसलझ ेसवाल को सबोिधत िकया गया और ुं खगोलभौितक के े म भिव यकालीन िवकास के िलए नए माग श त िकए गए। इस कायशाला का म य ु उे य यह दखेना था िक उ र भारत के रा य क िविभ न स थाए ँतथा िव िव ालय िकस कार ं खगोलभौितक िवषय के बारे म बिनयादी तर पर काम ु करते ह। इन सभी स थान के िविभ न यवा छा के बीच ंु नई िचयाँ मह वपण िह सा ह ैऔर इस कार के ू काय म का आयोजन करके हम यवा पीढ़ी के बीच ु िच को बढ़ावा द ेसकते ह तािक खगोलिव ान एव ं खगोलभौितक िवषय के बारे म अिधक गहनता से समझा जा सके। स मलेन का आयोजन इ लािमक यिनविसटी ऑफ ु साइस एड टे नॉलजी अवतीपरा पलवामा ंंंुु (आयएसटी), क मीर (जे एड के), अतर-िव िव ालय ूंं क : खगोलिव ान और खगोलभौितक (आयका), ु पण,े क मीर िव िव ालय, ीनगर ( केय) तथा ुू िहमाचल दशे क ीय िव िव ालय (सीयएचपी) के ू सहयोग से ोफेसर नसीर इ बाल ( क मीर िव िव ालय) एव ोफेसर हम चद (िहमाचल दशे ंंं क ीय िव िव ालय) ारा िकया गया। A§H$ 130 - OZdar, Aà¡b Am¡a OwbmB© 2023 | 22 | IJmob | KHAGOL

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