Khagol- 134 (Oct 2024) - HIN

उ नत डेटा िव ान उपकरण के योग से िसतारे और आकाशगगाओ का अ वेषण करनांं नानी गोपाल महता, स माननीय कलपित, गौहाटी ंु िव िव ालय, उ ाटन स म उपि थत रह।े अपने वागतीय भाषण म, उ ह ने डेटा िव ान उपकरण के अ ययन के मह व को वीकत िकया, इन उपकरण का ृ योग छा अ यिधक बड़ी मा ा के खगोलिव ान और अत र िव ान डेटा के िलए कर सकते ह। अिजत के. ं कभवी, एमे रटस ोफेसर आयका, ने आिटिफिशयल ु इटिलज स एड मशीन लिनग- ए बडस आई य फॉर ्ूंं ए ोनॉमस िवषय पर उ ाटनीय या यान िदया। िननान साजीथ िफिलप (AIRIS4D, केरल) एव रजन ग ा ंंु अन य िव ान िवभाग, गौहाटी िव िव ालय, असम ुु ने आयका पण,े अनसधान नैशनल रसच फाउडेशन ुुुंं (एएनआरएफ), नई िद ली और रा ीय नव वतन ित ान (एनआईएफ), गाँधीनगर के सहयोग से 04-06 िसतबर 2024 के दौरान " ोिबग टास एड गैलेि सज ंंं यिजग इनोवेिटव डेटा साइस ट स " नामक िवषय पर ूंंू तीन िदवसीय कायशाला का आयोजन िकया। कायशाला म िविभ न िव िव ालय के नातको र उपािध हते कायरत छ पन छा और अनसधान िव ान ुुं उपि थत थे। कायशाला म िविभ न िव िव ालय तथा अनसधान स थाओ के चौबीस या याताओ तथा ुंंंं िवशषे ारा डेटा साइस पर िदए गए ायोिगक ं टयटो रय स एव या यान शािमलथे। ्ुं ( आयका) ने खगोलिव ान म डेटा साइस एव ुंं वयचिलत प ितयाँ िवषय पर आमि त या यान ंं िदए। म या स म, एच. पी. िसह ( िद ली ं िव िव ालय) ने ितभािगय के स मख ायोिगक ु स के िलए चार िविभ न खगोलीय डेटा िवे षण प रयोजनाओ का सि िववरण दान िकया। ंं ायोिगक स का सचालन समातर प से चार क यटर ंंंु योगशालाओ म िकया गया, िजनका नेत व तीन िदन ृं म कायशाला के म या स के िवशषे ारा िकया गया। कायशाला के दौरान अगले दो िदन के पवा स ू म सभी तरगदै य म िसतार तथा आकाशगगाओ म ंंं समकालीन अनसधान पर आमि त या यान शािमल ुंं थे। अ नपण स म यम (िनदशेक, आईआईए) एव ूुं डी.के. ओझा (टीआईएफआर, मबई) ने मश: िसतार ंु का ल टर तथा िसतार का िनमाण िवषय पर म य ु या यान िदए जबिक एस. के. पाडये ( रायपर ्ुं िव िव ालय) और कनक साहा ( आयका) ने ु आकाशगगाओ पर या यान िदए। एस. बी. पाडये ्ंंं (रायपर िव िव ालय) एव अरिवद रानडे ने अनसधान ुंंुं एव नवाचार काय म के िलए िनिधकरण अवसर का ं अवलोकन दान िकया। कायशाला म िवदशे से लकास ु मै (िनदशेक, यएस-ईएलटी काय म), आशीष ू महाबल (कै टेक, यएसए), शिश कबर (एसयएनवाई-ूंूू ओ वेगो, यएसए), और मासला माक नी ू (आईएनएएफ, नेप स) जैसे कई िवशषे के दर थ ू या यान भी शािमल थे, िजनम आगामी बड़ी-बड़ी दरबीन से लेकर िसतार के सै ाितक ितमान तक के ंू िविभ न पहल शािमल थे। ितभािगय ने कायशाला के ू दौरान गौहाटी िव िव ालय वेधशाला का भी दौरा िकया। कायशाला म िसतार एव आकाशगगाओ के ंंं बहतरगदै य अ ययन पर आधा रत िवषय क िव तत ृं खला शािमल थी। कायशाला के ितभािगय को ृं खगोलिव ान से सब पहलओ का सारगिभत प रचय ंंुं दान िकया गया साथ ही छिव, पे ा, टाइम-सी रज डेटा एव कैटलॉ ज जैसे िविभ न खगोलीय डेटा का ं गहराई से अ वेषण िकया गया। ितभािगय को उ नत खगोलिव ान अनसधान क जानकारी दान क गई ुं और प रचया मक डेटा िवे षण तथा मशीन लिनग सक पनाओ एव तकनीक के बारे म िशि त कराया ंंं गया। कछ छा ने अितम स म अपनी अनसधान ुंुं प रयोजनाओ को भी तत िकया। एच. पी. िसह ंुं समापन स म अ य के प म िवराजमान थे। समापन स म जगदीश शमा, सिचव (i/c), यिनविसटी लासेस ु (गौहाटी िव िव ालय) उपि थत थे। कायशाला का सचालन ईशाकर सैिकया (गौहाटी िव िव ालय) और ंंु अनपम भार ाज (आयका) ारा िकया गया।ुु 13 -15 िसतबर 2024 के दौरान आयका के सहयोग से ंु भौितक िवभाग, िशवाजी िव िव ालय, को हापर ू ारा 'खगोलिव ान और खगोलभौितक म समकालीन म े2024 (CIAA 2024)' िवषय पर रा ीय ु खगोलिव ान और खगोलभौितक म समकालीन मेु कायशाला का आयोजन िकया गया था। कायशाला का उे य दशे के नातक, नातको र तथा अनसधान ुं छा के बीच खगोलिव ान और खगोलभौितक म हो रह ेिवकास के बारे म जाग कता िनमाण करना था। खगोलिव ानऔर खगोलभौितक के िविभ न पहलओ ूं क ि से यह कायशाला अ यिधक मह वपण थी। इस ू कायशाला ने ग वाकषण तरगे , लाइगो ससचक क ुंंू भिमका, लाइगो-इिडया का योगदान, सौर पराबगनी ूं | IJmob | KHAGOL | 06 A§H$ 134 - A³Qy ~a 2024

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