Khagol- 134 (Oct 2024) - HIN
कायशाला म "अवलोकना मक ाडिव ान" िवषय ं पर स द एस. मोरे (आयका) ारा, " ाडिव ान ुुं क मलभत अवधारणाए" पर सैबल रे (जीएलए ूूं िव िव ालय, मथरा) ारा और "आधिनक ुु ाडिव ान" पर गौतम म ना ( भात कमार कॉलेज, ंु कोलकाता) ारा या यान िदए गए। एस. एन. हसन और ि या हसन (मौलाना आजाद नेशनल उद ू िव िव ालय, हदैराबाद) ने ायोिगक स तत िकए, ु िजसम उ ह ने ाडिव ान म पाइथन, मशीन-अ ययन ं और िबग डेटा का प रचय िदया। समापन समारोह के म य अितिथ िति त खगोलभौितक िवद और ु् ाड वै ािनक सैबल रे, एसोिसएट िनदशेक, सटर ं फॉर कॉ मोलॉजी, ए ोिफिज स एड पेस साइस ंं (CCASS ) , जीएलए िव िव ालय, मथरा, थे। ु स मािनत अितिथ के प म यात खगोलिव ानी ि या हसन, सहायक ोफेसर, भौितक िवभाग, मौलाना आजाद नेशनल उद िव िव ालय, हदैराबाद उपि थत ू थी। रायसोनी प ऑफ इड ीज (आरजीआई) के ुं अ य और कायकारी िनदशेक, माननीय ी सनील ु रायसोनी और ी येस रायसोनी ने कायशाला के सर क के प म काय िकया। कायशाला क बाहरी ं सलाहकार सिमित म मिै सम लोपोव (एपीसी लैबोरेटरी, पे रस, ास), ए य डीबेनिडि टस (साइमन ंंूे जर िव िव ालय, कनाडा), एस.के. मौय (िनज़वा िव िव ालय, ओमान) और मगेन ने गोवडर (डबन यिनविसटीऑफ टे नोलॉजी, दि णअ का) शािमल ू थे। जीएचआरसीई के िनदशेक सिचन उटावले ं कायशाला के मानद अ य थे। उप-िनदशेक और अिध ाता, शै िणक, मोद वाळके, उपिनदशेकऔर अिध ाता, आर एड डी, सतोष जाज, और थम वष ंंू िवभाग क अिध ाता पाली थेटे कायशाला के आत रकसलाहकार सिमितके सद य थे।ं इस कायशाला का सम वयन सैबल रे (जीएलए िव िव ालय, मथरा), स द एस. मोरे (आयका) और ुुु वीण कमार धनखड़ , भगवत ठाकरान और अचना ु दशेपाडे (GHRCEN, नागपर) ने िकया। रेखा पटेल ंु और रीता माटे इस कायशाला क आयोजन सिमित क सद य थ । उ ाटन समारोह के म य अितिथ स द एस. ुु मोरे (आयका) थे, और िविश अितिथ एस.एन. हसन, ु मख और ोफेसर, गिणत िवभाग और अिध ाता, ु कल ऑफ साइसेज, मौलाना आजाद नेशनल उद ूंू िव िव ालय, हदैराबाद, थे। इस कायशाला का आयोजन वीण कमार धनखड़ (जी.एच. रायसोनी ु कॉलेज, नागपर)और स द मोरे (आयका) ने िकया।ुुु सि य गागेय नािभक और लेज़ार पर प रचया मक कायशालांे सीडसी िव िव ालय, कोलकाता ारा 22 से 23 जलाई, 2024 के दौरान "सि य गागेय नािभक और ुं लेज़ार" पर प रचया मक कायशाला आयोिजत क गई। यह कायशाला " लेज़ार और रे टलेस एजीएन: उ च ऊजा ि कोण" स मलेन का पवारिभक काय म ूं थी, जो 24 से 26 जलाई, 2024 को ेसीडसी ु िव िव ालय, कोलकाता मआयोिजत िकया गया। इस कायशाला का आयोजन ेसीडसी िव िव ालय, कोलकाता के खगोलभौितक िवभाग और आयका, ु पण ेारा िकया गया। आयका ने परमाण िव ान ुुु अनसधान बोड (बीआरएनएस) के साथ िमलकर ुं िव ीय सहायता दान क । इस कायशाला का उे य एम.एससी., व र बी.एससी. छा और पीएच.डी. शोधकताओ, िवशषे प से कोलकाता म ि थत ं ितभािगय को सि य गागेय नािभक (एजीएन) और ं कायशाला म परे िदन या यान शािमल थे, िजनके बीच ू 30 िमनट का अतराल िदया गया। येक या यान के ं अत म बहिवक पीय कार के पछे गए, और ंू ितभािगय ने इनका उ र गमनाम प से एक वेब पेज ु के मा यम से िदया, िजसेआयोजक ारा थािपत िकया गया था। ितभािगय ारा िदए गए उ र के िवतरण से यह प हआ िक उ ह ने िवषय को अ छी तरह से सबिधत िवषय जैसे िविकरण ि याए, कण वरण, ंंं अिभवि , सापेि क जेट के अवलोकन और सै ाितक ृं मॉडल, उ चऊजा, फोटॉ सऔर यि नो क खगोलीय ू खोज, और खगोलिव ान और खगोलभौितक म सभािवत क रयर अवसर के बारे म प रचय दनेा था। इस ं कायशाला म िविभ न स थान के पचपन ितभािगय ने ं भाग िलया। समझा। कायशाला के अितम स म एक चचा ं आयोिजत क गई, िजसम यह जानने का यास िकया गया िक ितभािगय को कायशाला म या उपयोगी लगा और वे कौन से बदलाव पसद करते। बाद म, ं या यान साम ी को साझा िकया गया और सभी ितभािगय से िव तत ऑनलाइन गमनाम िति या ृु ली गई। कायशाला म िवशषे के प म वैदहेी पािलया (आयका), सदर सहायनाथन (बीएआरसी), इ नील ुंुं च ोपा याय (ARIES), और दबेाजन बोस (क ीय ं िव िव ालय, क मीर) उपि थत थे। वैदहेी पािलया (आयका) और रताबन चटज (े सीडसी ु िव िव ालय, कोलकाता) ने कायशाला का सम वय िकया। | IJmob | KHAGOL | 04 A§H$ 134 - A³Qy ~a 2024
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