Khagol Bulletin -133- HIN

नजदीक पहचँने पर, वाहन जलस से गज़रते समय पल ुूु भर के िलए धीम ेहो जाते, िफर धीरे-धीरे गित पकड़ लेते, और अत म अपनी सामा य गित पकड़कर आगे बढ़ ं जाते थे। अब चिलए इस घटना का अ ययन ेण थल के दो पयवे क के ि कोणसेकरते ह: पहला ि कोण हवाई जहाज़ पर ि थत पयवे क का और दसरा ू ि कोण सिवस रोड पर ि थत पयवे क का। पहला पयवे क जलस के चार ओर उ च यातायात घन व ुू वाले े के बारे म सिचत करता ह ैऔर उसके साथ ू धीमी गित से आगे बढ़ता ह।ै िदलच प बात यह ह ैिक दसरे पयवे क ने यानपवक दखेा िक िकसी एक वाहन ूू के लबे समय तक कने के कारण यातायात ठ प नह ं गागेय सिपल भजाओ एव यातायात ठ प होने के बारे म ंुंं Tuning Fork आकित के अनसार, हबल ारा िकए ृु गए आकाशगगाओ का आका रक य वग करण इस ंं कार ह ैिक आकाशगगाए ँदो कार क होती ह: ं दीघव ीय एव चि का आकाशगगाए।ँ दीघव ीय ृृंं आकाशगगाओ म तारे ग वीय- िनपात के िव ंंु अिनयिमत गित समिथत होते ह; तो चि का आकाशगगाओ म वे घणन-समिथत होते ह। सिपल ंंू भजाए ँचि का आकाशगगाओ क भ य िवशषेताओ ुंंं का िनमाण करती ह और अ य खगोलीय िपड से उ ह ं अलग करती ह। े णा मक अ ययन दशाता ह ैिक सिपल भजाए ँिनरतर पैटन पीड नामक कोिणय गित के ुं साथ न झकने या मड़ने वाले पैटन के प म घणन करती ुूु ह।ै सिपल आकाशगगाए ँसव यापी होती ह और ं आसपास के ाड क लगभग 60% से भी अिधक ं चि काआकाशगगाए ँसिपलह।ं सिपल भजाए ँएव गागेय दीघकािलक िवकास: सिपल ुंं भजाओ जैसे गैर-अ त: समिमित चि का गितशील ुं िवशषेताओ के ग वाकषण िवभव म अतिनिहत ंुं चत वीय आघण के प रणाम व प ऐसे टॉक िनमाण ुुू होते ह जो चि का एव अदी पदाथ भामडल के बीच ंं कोणीय सवेग को व करते ह। सिपल भजाए ँभी बा ृंु आकाशगगा के गैस अतवाह का कारण बनती ह, जो ंं सि य गागेय नािभक का भरण करते ह। इसके साथ-ं साथ गागेय चि का म अितसघन े के होने कारण वे ं गैस बादल के सपीडन को सहायता करते ह और ं इसिलए वे गागेय तारा िनमाण करने के ाथिमक थान ं ह। इसिलए सिपल भजाए ँआकाशगगाओ के ुंं दीघकािलक िवकास म अ यिधक मह वपण भिमका ूू िनभाती ह। कडलन/आवलन (winding) भवरजाल/ दिवधा ंुंु (dilemma) : िवगत सह ा दी के म य तक, गागेय ं चि काओम सिपल सरचनाओके िनमाण एव सपोषण ंंंंं क ि या पहलेी बनी थी। यह बात सभी जानते थे िक आकाशगगाए ँअपनी मजेबान आकाशगगाओ के ंंं िनमाण होने के समय से 20 से 100 बार घणन करती थी। ू इसका अथ यह था िक यिद सिपल भजाए,ँ पदाथ भजाए ँुु होती अथात समान तारे एव गैस के बादल से बनी हई ं होती तो वे इसअविध के दौरान 20 से 100 बार उ िेजत होती। इस कार क भजाओ को पदाथ भजाए ँुंु (material arms) कहा जाता ह ैऔर उ ह आवरण (wrapping) करने क सम या को कडलन/आवलन ंु यातायात ठ प होना (ै िफक जाम), गागेय सिपल भजाए ँंु और घन व तरगे: चिलए िन निलिखत प र य से यह ं समझने क कोिशश करते ह िक िकस कार गागेय ं सिपल भजाए ँतैयार होती ह: हाईवे पर जलस के धीरे-ुुू धीरे आगे बढ़ने के कारण मागावरोध पैदा करके यातायात के ठ प होने को बढ़ावा द ेरहा था। जलस के ुू दिवधा कहा जाता ह।ै हालाँिक, ेि त आकाशगगाओ ंंु म सिपल भजाए ँएक या दो बार से अिधक िदगशीय ुं िदशा म िलपटी नह होती ह। इसका ता पय यह ह ैिक या तो सिपल भजाए ँअ पकािलक होती ह अथवा वे पदाथ ु भजाए ँनह होत ।ु भवर आकाशगगा ( ये: NASA/ESA and The Hubble Heritage Team STScI/AURA)ंं | 04 A§H$ 133 - OwbmB© 2024 | IJmob | KHAGOL

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