Khagol Bulletin # 132 (Apr 2024) - HIN
ोफेसर राजे री द ा आकाशगगाओ के े म काय करने वाली े णा मक ंं खगोल ह।ै वतमान म वे सहायक ोफेसर के प म अतर-िव िव ालय क : ं खगोलिव ान और खगोलभौितक , पण,े भारत, म कायरत ह। आयका से अपनी ुु पीएचडी पण करने के बाद उ ह यरोपीय दि णी वेधशाला, गारिचग, जमनी म ह बो ट ूूं रसच फ़ेलोिशप, डरहम िव िव ालय, यके, म पो टडॉ टोरल रसच एसोिसएटिशप ू और िमलानो-िबकोका िव िव ालय, इटली, म पो टडॉ टोरल रसच फेलोिशप ा हई। उ ह म य प से आकाशगगाओ के िनमाण एव िवकास का अनसधान करने म ुंंंुं िच ह ैिवशषेत: गैस एव आकाशगगाओ के बीच के सबध के िवषय म । उनका काय ंंंंं आकाशगगाओ के िवकास म म टीफेज गैस ारा िनभाई जाने वाली भिमका को ंंू समझनेके िलए बहतरगदै य पे ो कोिपकअवलोकन का उपयोगकरता ह।ैं 1-2m दरबीन से ा डेटा का उपयोग करके एजीएन का अ वेषण:ू ीण उ सजन रेखा QSOs का अ ययन सि य गागेय नािभक (एजीएन) खगोलभौितक क ं िविभ न घटनाओ म से अ यिधक िदलच प और गढ़ ंू घटना ह।ै ये ाडीय ऊजा क िवशालकाय क ण ृं िववर को अपने क ीय अतरम भाग म शरण दतेे हए ं सपण िव तचबक य पे म म बड़ी मा ा म ऊजा ंूुंु बाहर छोड़ते ह। एजीएन वातावरणऔर क ीय इजन क ं छानबीन बिनयादी खगोलभौितक य ि य और ु आकाशगगाओके िवकास म मह वपण अत ि दान ंंूं करता ह।ै जब िक बड़ी वेधशालाए ँअ सर एजीएन अनसधान पर भ व रखती ह,ै 1-2 एम मीटर काशीय ुंु दरबीन अ यिधक मह वपण एव परक भिमका अदा ूंूूू करती ह। उदाहरण के तौर पर, 1-2 एम मीटर दरबीन का ू आकार तलना मक प से कम होने के कारण बार-बार ुे णकरने के िलए इनका उपयोग करनाआिथक प से यवहाय हो गया ह,ै िजससे खगोलिवद चलायमान घटनाओ को हण करने और अिधक समय तक उनके ं मागत िवकास का अ ययन करने के िलए स म बन ह।ै इस वजह से म यम ारक दरबीन िविभ न तरीक से ू योगदान दतेी ह जैसे िक (i) बड़े सव ण करना (ii) मख अ वेषक िनयिमत ेण क आव यकता होने ु वाले िव ान काय म सचािलत करना तािक अगले ं अनसधान सधार के िलए बड़ी दरबीन पर सावजिनक ुंुू प से उपल ध समय के िलए समान तर पर पधा क जा सके। (iii) उन काय म समवेत समय े (टाइम डोमने) िव ान काय म िज ह दीघकािलक काये याि के िलए आकाशीय दशेातर के अनसार दरबीन ंुू क आव यकता होती ह।ै हाल ही म SDSS जैसे बड़े पे ो कोिपक सव ण के आगमन के साथ एजीएन क उप णेी ीण (या अनपि थत) उ सजन रेखाओ के साथ पाई गई, इ ह ुं नए प से खोजे गए इन रेिडयो- वाएट WLQs (RQWLWQs) क कित समझने के िलए हाल ही म ृ ो. हम चद के साथ उनके छा तथा सहयोिगय ारा ंं िव तत सिनयोिजत अ ययन पण िकया गया। उनके ृुू काय म के पहले चरण के प म, उ ह ने इस त य का उपयोग िकया िक एजीएन के िविभ न उप िेणय के बीच अतर करने के िलए काशीय प रवतनशीलता गणधम ंु का उपयोग साधन के प म िकया जा सकता ह।ै उदाहरण के िलए, यह िस हो चका ह ैिक सामा य ु वासार (अथात. non-Bl Lac कार) कछ घट ुं (hour-like) समय के पैमाने पर 3-4%सेअिधककभी ीण उ सजन रेखा वासार (WLQ) कहा जाता ह,ै ये अपे ाओ के िवप रत था य िक बल उ सजन रेखाए ँं एजीएन क िविश ताए ँह। उ सजन क इस कार क ीणता या अनपि थित को एजीएन क अ य उप णेी ु BL-lac म अ छी तरह से समझा जाता ह,ै जहाँ आपेि क य जेट उनके सात यक उ सजन के डॉ लर ं अिभवधन के िलए िज मदेार होता ह,ै िजससे तलना मक प से ीण/अनपि थत उ सजन रेखाए ँुु बनती ह। जेट क मौजदगी रेिडयो वेवबड म उनसे दखे ेू गए िस ो ोन उ सजन से स प होती ह,ै जो यमान ंु वेवबड म होने वाले कल उ सजन क मा ा म कई ु अिधक पाई जाती ह।ै दसरी ओर, WLQ उपनमने क ूू रेिडयो वेबबडके ारा पता न लगाए जाने क पि क गई ु ह ैऔर इसिलए उनक उ सजन रेखा क ीणता का कारण एक िदलच प पहलेी बन गया ह।ै WLQs के रेिडयो-िन त धता (रेिडयो वाएटनेस) के कारण, उ ह भी एजीएन क एक करण योजना म BL- lac के रेिडया- वाएट ित प के िलए सभािवत उ मीदवार के ं प म तािवत िकया गया ह।ै दसरा, इसी समह ने 6 WLQ के अपे ाकत छोटे सेट के ृूू उपयोग के ज़ रए वणमापी ेण केआधार पर अपने ु प रणाम को भी प रत िकया ह ैऔर पाया िक वण का ूु ितशत हमशेा तीन ितशत के तर से कम ह ैजो BL Lacs व तओ म दखे ेगए अ यिधक वण के िवप रत ुंु ह।ै यह WLQs को Bl-lac के रेिडयो-ि वट ित प बनने क सभावना को असभव बनाता ह ैऔर इस ंं भी प रवितत नह होतेऔर दसरी ओरआपेि क य जेट ू के कारण बल काशीय प रवतनशीलता BL Lacs कार के ोत का प सकेत ह।ै प रणाम व प ं WLQs के नमने क एक रात से कम समय काशीय ू प रवतनशीलता को कायाि वत करने का उपयोग यह सिनि त करने के िलए पहले चरण के प म िकया जा ु सकता ह ैिक या WLQs क प रवतनशीलता क कित Bl-Lac कार के समान ह ै(अथात अ यिधक ृ ितशत प रवतन) या िफर सामा य वासार (अथात कम ितशत प रवतन) के समान ह।ै ARIES 1.3m दवे थल फा ट ऑि टकल टेली कोप (डीएफओटी) का उपयोग करके िनरी ण िकया गया जहाँ पीएचडी छा वीण कमार के नेत व म उनक टीम ने 3-4 वष ृु क अविध के दौरान 3-4 घट तक लगभग 5 दजन स ं के िलए तीन दजन RQWLQs के नमने का िनरी ण ू िकया। उनके शोध क िव तत जानकारी शोधप ृ (ि िटश जनल एमएनआरएएस म) क खला म तत ृंु क गई ह,ै उसम यह उ िटत िकया गया ह ैिक RQWLQs का प रवतनशीलता काय च लगभग 3- 5% ह ैजो सामा य वासार के समान नज़रआता ह,ै जो िक Bl-Lac के ित प रेिडयो-ि वट के प म उ ह चनने के िलए उ च प रवतनशीलता क अपे ा के िलए ु आ यजनक प से िवप रत ह।ै | 09 A§H$ 132 - An«¡b 2024 | IJmob | KHAGOL
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