Khagol Bulletin # 132 (Apr 2024) - HIN
परमा वीय गैस क तापीय ि थित के यवरोध के िलए HI 21 cm अवशोषण का उपयोग िकया गया ह,ै जो स मण के उ जेन या िफर च ण तापमान के िलए ं य मानपाती ह।ै इसके अित र , HI 21 cm ुु अवशोषण का उपयोग आईएसएम म शीत गैस मघे के भराव गणाक का, वेरी लॉ ग बेसलाइन इटरफेरोमे ी का ुंं उपयोगकरके परमा वीय गैसक लघ सरचना का, ज़ेमन ुं िवपाटन के ज़ रए चबक य े का तथा िव तचबक य ंुुंु अितस म सरचना िनयत, टोन- से लेकर इले ोन ूं यमान अनपात और ोटोन जी-घटक जैसे भौितक ु के मल िनयत म होने वाले प रवतन क खोज करने के ू िलए िकया गया ह।ै HI 21 cm अवशोषण रेखा यिद प भिमक रेिडयो ोत और े क के बीच क ृू आकाशगगा से ि गोचर होती ह ैतो उसे 'म यवत ' के ं प म या िफर यिद प भिमक रेिडयो ोत के वय म ही ृूं आकाशगगा से ि गोचर हाती ह ैतो उसे 'सब ' के प ंं म वग कत करना, यह िकस कार क आकाशगगा का ृं अनरेखण िकया जा रहा ह,ै उस पर िनभर करता ह।ै सब ुं HI 21 cm अवशोषण का उपयोग रेिडयो-लाउड सि य गागेय नािभक (एजीएन) म गैस अिभवि एव ृंं बिहवाह जैसी भरण एव पनभरण ि याओ के भाव ंुं का अ ययनकरनेके िलए िकया गया ह।ै आकाशगगाओ के HI 21 cm अ ययन क ंं भिव यक सभावनाए ँया ह?ं वेअर िकलोमीटर ॲरे ( एसकेए) क अभतपव ूू सवेदनशीलता, आकाश याि े और आकाशीय ं िवभदेन हम HI 21 cm रेखा का उपयोग करके आकाशगगा िवकास के े म कई अनसलझ ेसवाल ंु के जवाब ढढन क अनमित दगेा। एसकेए क तैयारी म, ूंु एसकेए पथ दशकऔर पववत के साथ बड़ी स या म ूं सव ण जैसे िक भारत म uGMRT, ऑे िलया म ASKAP और दि ण अ का म MeerKAT, क योजना बनाई जा रही ह ैया उस पर काम जारी ह।ै HI 21 c m उ सजन रेखा क नैज अ प ता के कारण आज तक आकाशगगाओ का HI मानिच ण केवल ंं आसपास क रेडिश ट, z ~ 0 . 2 तक क आकाशगगाओ के िलए ही सभव हआ ह।ै उपरो ंंं दरबीन (जैस ेिकWALLABY, MIGHTEE-HI, ू MHONGOOSE, DINGO, LADUMA आिद) के साथ लाज HI 21 cm उ सजन रेखा सव ण आकाशगगाओ के HI 21-cm उ सजन अ ययन के ंं अवसर को उ चतर रेडिश टस (z~1) और बड़े ् साि यक य नमन तकखगोलिव ान म सवेदनशीलता, ंूं सव ण गित, एव आकाशीय िवभदेन जैसी ं अवलोकना मक मताओ म सधार करके बढ़ा रहा ह।ै ंु जब यह HI 21 cm अवशोषण क बात आती ह,ै तब वतमान समय तक खोजे गए ऐसे अवशोषक क अपे ाकत कम स या ाडीय समय म शीत ृंं परमा वीय गैस के िवकास एव आकाशगगाओके साथ ंंं उसक अ यो यि या का पता लगाने के िलए इन अवशोषक का उपयोग करने क हमारी मताओ म ं बाधा उ प न करती ह। बल रेिडयो- वे सी इटरिफअर स (आएफआई) क उपि थित के कारण ं अभी तक HI 21 cm अवशोषण खोज को भािवत करने वाली म य तकनीक बाधाए ँमॉल बडिवडथ एव ु्ं ितबिधत आवि रजेस रही ह। ता कािलक लाज ृं बडिवडथ, लो- आरएफआई वातावरण म िव तत ्ृ आवि याि े और नए रेिडयो दरबीन क उ च ृू सव ण गित H I 2 1 - c m अवशोषण के बड़े, अ य/अ य एव िव तत े सव ण को स म ृं बनाता ह,ै उदाहरण के तौर पर MeerKAT के साथ MALS, ASKAP के साथ FLASH, APERTIF के साथ SHARP। ये सव ण प रमाण के म म केवल HI 21-cm अवशोषक के नमने के आकार का ू िव तार नह करगे बि कअ य/अ य सव ण होने कारण वे हम समागी नमन का उपयोग करके यवि थत ंू और िन प तरीके से आकाशगगाओ म शीत ंं परमा वीय गैस घटक के ाडीय िवकास का पता ं लगाने म स म बनाएगँे। | 08 A§H$ 132 - An«¡b 2024 | IJmob | KHAGOL
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