Khagol Bulletin # 132 (Apr 2024) - HIN

खगोलिव ान, खगोलभौितक एव ाडिव ान पर ंं शै िणक कायशाला का आयोजन िश ण अिधगम क , एसीई, आयका के मालवीय िमशन िश क ु िशि ण क के सहयोग से आईकाड, गवाहाटी ु िव िव ालय (जीय) ारा 4-10 जनवरी 2024 के ू दौरान िकया गया। कायशाला के म य उे य थे (ए) ु खगोलिव ान, खगोलभौितक एव ाडिव ान म हो ंं रह ेिवकास के बारे म महािव ालय और िव िव ालय के िश क के पास होने वाली जानकारी म वि करना ृ (बी) िव िव ालय ारा अनेक एनईपी पाठय म म ् नए प से तािवत िकए गए खगोलिव ान एव ं खगोलभौितक के पाठय म सिहत खगोलिव ान के ् िविभ न िवषय क अ यापन प ितय से उ ह प रिचत कराना (सी) कायशाला म िविभ न े के या यान दनेे वाले िवशषे एव ितभािगय के बीच दीघकािलक ं शिै क सेत का िनमाण करना। कायशाला म उ र पव ुूे एव िनकटवत रा य के िविभ न महािव ालय ं गवाहटी िव िव ालय म आयोिजत खगोलिव ान, खगोलभौितक एव ाडिव ान िवषय क कायशाला म सहभागी हए ितभािगय का सामिहक छायािच ।ुंंू खगोल िव ान, खगोल भौितक और ाड िव ान पर शै िणक कायशाला:ं गवाहटी िव िव ालय म सकाय िवकास काय म ुं िश क हेत खगोलिव ान कु मालवीय िमशन िश क िश ण क तथा िव िव ालय म खगोलिव ान अ यापन तथा अनसधान म शािमल 30 ितभागी सि मिलत हए। ुं कायशाला का उ ाटन भाषण ो. बा जे सैिकया, ु आयका ारा िदया गया िजसम बह-सदशेवाहक ुं खगोलिव ान के यग म सभावनाओ क िव तती णेी ृुंं को शािमल िकया गया था। उसम डॉ. िहरालाल दओराह, भौितक , जीय के सेवािनव ोफेसर और ृूु िव िव ालय के पव कलपित, िज ह ने जीय वेधशाला ूुू क थापना क और असम के महािव ालय तथा िव िव ालय म खगोलिव ान प रिचत करवाया। गवाहटी िव िव ालय, आयका, असम िव िव ालय, ुु िद गढ़ िव िव ालय, तेजपर िव िव ालय तथा ुु कॉटन िव िव ालय से आए िवशषे ने तारक य खगोलभौितक , े णा मक खगोलिव ान, सौर णाली, आकाशगगाए ँतथा अतरामदािकनीय मा यम, ंंं ग वाकषण एव ाडिव ान पर पर पर सवादा मक ुंंं या यान िदए। कायशाला म किठन ायोिगक अ यास होता था िजसम टेले रयम का सचालन, एसडीएसएस ं काय सवर और अ य आभासी वेधशाला उपकरण के मा यम से खगोलीय डेटा िवे षण तथा मॉडय स फॉर ्ु ए सपे रमटस इन टेलर ए ोिफिज स (एमईएसए) के ् मा यम से तारक य खगोलभौितक म सक पनाओका ंं मानसदशन शािमल था। गवाहाटी िव िव ालय ु वेधशाला म ेण स का भी आयोजन िकया गया था। कायशाला का एक और रोचक घटक ितभािगय के अ ययन के िवषय पर उनके ारा दी गई लघ या यान ु क खला था। ये या यान िवशषे के स मख तत ृंुु िकए गए िजनके साथ ितभािगय ने सवादा मक चचा ं क । कायशाला का सम वयन सजीव कािलता ं ( आईकाड सम वयक, जीय) , बा ज.े सैिकया ूु ( टीएलसी, एसीई, आयका) एव सौगात मजािहद ुंु (आयका) ने िकया।ु खगोलिव ान, िव ान और समाज खगोलिव ान, िव ानऔर समाज , िवषय पर महारा टेट फैक टी िडवलपमट अकादमी (एमएसएफडीए) और आयका का िश क हते खगोलिव ान क , ारा ुु 19 और 20 जनवरी 2024 को मराठा िव ा सारक समाज, कॉमस, मनैेजमे ट एड क यटर साइस ंंुं (सी.एम.सी.एस.) कॉलेज, नािशक म कायशाला का आयोजन िकया गया। महारा के छोटे गाँव म अ सर आयोिजत क जाने वाली इन कायशालाओ के उे य ं बहिवषयक सकाय सद य के िलए खगोलिव ान एव ंं िव ान के बारे म उ जेना का िनमाणकरना एव समावेशी ं तथा गैर-भदेभाव जैसे िव ान तथा समाज से सबिधत ंं यापक म पर चचा भी करना था। इस कायशाला के ु दौरान काश अ मगासामी ने ाड के पैमाने विणत ुं िकए, मौिपया माझी ारा क ण िववर क कहानी बताई ृ गई, जमीर मनर ने ितभािगय का प रचय िनशाकाश से ु करवाकर िदया जबिक बा जे. सैिकया ने रेिडयो तथा ु ए स-रे खगोलिव ान का सि िववरण िदया और ं भारत के अिभनव िवकास को िच हािकत िकया। अपने ं | 18 A§H$ 132 - An«¡b 2024 | IJmob | KHAGOL

RkJQdWJsaXNoZXIy MzM3ODUy